राजस्थान के 49 निकाय चुनाव में कांग्रेस ने 20 शहरों में स्पष्ट बहुमत हासिल किया है तो बीजेपी 37 सीटों से घटकर छह पर सिमट गई है. जबकि, तीन निकाय में निर्दलीय कांग्रेस-बीजेपी पर भारी पड़े हैं. वहीं, 20 निकायों पर काबिज होने के लिए दोनों प्रमुख दलों को निर्दलीय और अन्य पार्टियों के जीते हुए पार्षदों का सहयोग लेना पड़ेगा.
- राजस्थान के निकाय चुनाव में बीजेपी को तगड़ा झटका
- 49 निकाय चुनाव में से कांग्रेस 20 शहरों पर काबिज
- 23 निकाय की सत्ता की चाबी निर्दलीय पार्षदों के हाथ
राजस्थान में लोकसभा चुनाव में बड़ी हार के बाद कांग्रेस शहरी निकाय चुनाव में बड़ी जीत के साथ वापसी करने में कामयाब रही है. परंपरागत तौर पर शहरी मतदाताओं पर पकड़ रखने वाली बीजेपी को इन चुनावों में तगड़ा झटका लगा है. जबकि, निर्दलीय पार्षद कांग्रेस और बीजेपी पर भारी पड़े हैं. इस तरह से 23 शहरों में निर्दलीयों का जादू मतदाताओं के सिर चढ़कर बोला.
राजस्थान के 49 निकायों में हुए चुनाव में कांग्रेस ने 20 शहरों में स्पष्ट बहुमत हासिल किया है तो बीजेपी 37 सीटों से घटकर छह पर सिमट गई है. जबकि, तीन निकाय में निर्दलीय कांग्रेस-बीजेपी पर भारी पड़े हैं. वहीं, 20 निकायों पर काबिज होने के लिए दोनों प्रमुख दलों को निर्दलीय और अन्य पार्टियां के जीते हुए पार्षदों का सहयोग लेना पड़ेगा. इस हिसाब से राजस्थान के आधे निकायों की सत्ता की चाबी निर्दलीय और अन्य दलों के प्रत्याशियों के हाथ में है.
पार्षदों के लिहाज से नतीजा
राजस्थान के 49 शहरी निकायों के 2105 वॉर्ड के लिए चुनाव हुआ था. इनमें से कांग्रेस को 961, बीजेपी को 737, बसपा को 16, माकपा को तीन, अन्य को दो और निर्दलियों को 386 सीटें मिली हैं. ऐसे में निकाय अध्यक्ष चुनावों में निर्दलीय और अन्य दलों से जीते हुए पार्षदों पर लोगों की नजर होगी. इसके मद्देनजर कांग्रेस और बीजेपी ने अपनी-अपनी कवायद भी शुरू कर दी है.