गृहमंत्री अमित शाह ने कश्मीर मसले पर कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजद के सवाल के जवाब में कहा कि घाटी में इंटरनेट सेवा बहाल कर दी जाएगी यदि वहां का लोकल प्रशासन ऐसा करने के लिए कहे. देश की सुरक्षा को लेकर कई बार हमें ऐसे कदम उठाने होते हैं. उन्होंने कहा कि देश में स्वास्थ और शिक्षा की व्यवस्था उस समय भी चल रही थी जब देश में इंटरनेट नहीं था. इंटरनेट तो 1995 के बाद आया.
राज्यसभा में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने घाटी में इंटरनेट बंद होने का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि घाटी में साढ़े तीन महीने से इंटरनेट सेवा बंद है. ऐसा कही नहीं होता है. गुलाम नबी आजाद ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी व्यवस्था इंटरनेट पर निर्भर है ऐसे में साढ़े तीन महीने से इंटरनेट सेवा को बंद किया जाना उचित नहीं है. कांग्रेस नेता नेता ने गृहमंत्री से पूछा कि इंटरनेट सेवा की बहाली कब से होगी? घाटी में स्थिति कब से सामान्य होंगे?
इस सवाल के जवाब में गृहमंत्री अमित शाह ने घाटी के हालात की विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने कहा कि घाटी से अनुच्छेद 370 हटाए जाने को लेकर कहा जा रहा था कि खून की नदियां बह जाएगी, आज मैं आनंद के साथ कह सकता हूं कि घाटी में पुलिस की गोली से एक भी मौत नहीं हुई है. अमित शाह ने कहा कि घाटी में पत्थरबाजी की घटना पिछले साल की तुलना में कम हुई है. कश्मीर के सभी स्कूल खुले हुए हैं. वहां के अस्पतालों में दवाईयों की कोई कमी नहीं है. उसकी पर्याप्त उपलब्धता है. घाटी में ट्रांसपोटेशन व्यवस्था दुरूस्त है ताकि किसी भी किसान को कोई परेशानी ना हो. सेव की खरीद सरकार की तरफ से भी किए जाने की व्यवस्था की गई है.
अमित शाह ने कहा कि कश्मीर में हालात सामन्य हैं. वहां के सभी बाजार खुले हुए हैं. स्कूल खुले हुए हैं. बच्चे परीक्षा में शामिल हुए हैं. अमित शाह ने कहा कि यह देश का मामला है. कुछ मामले ऐसे होते हैं जिसमें सावधानी बरतने की जरूरत होती है. कश्मीर का मामला वही है. उन्होंने कहा कि लोकल प्रशासन जब कहेगा कि इंटरनेट सेवा बहाल की जाए घाटी में इंटरनेट सेवा बहाल कर दी जाएगी.